रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के अभिभाषण के साथ आज छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया। छत्तीसगढ़ राज्य की पांचवीं विधानसभा के सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है आप लोगों ने छत्तीसगढ़ विधान सभा को आदर्श परंपराओं और अनुपम कार्यप्रणाली का गढ़ बनाया है इसके लिए मैं आप सभी को साधुवाद देती हूं। विश्वास, विकास और सुरक्षा की त्रिवेणी से कानून और व्यवस्था को संवारने का काम हुआ है।मेरी सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत् नशाबंदी के संबंध में अध्ययन हेतु राजनीतिक समिति, सामाजिक समिति, प्रशासनिक समिति गठित की है। वर्ष 2019-2020 में 50 मदिरा दुकानों को बंद किया गया है, वहीं 1 अप्रैल 2020 से 49 बीयर बार बंद करने का भी निर्णय लिया गया है। शराब व्यसन मुक्ति अभियान के तहत नशामुक्ति अभियान दल का गठन प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि यह बड़े ही गौरव का विषय है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर वर्ष भर कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है जिसकी शुरूआत 2 अक्टूबर 2019 को विशेष सत्र के आयोजन के साथ हुई। देश में अपनी तरह की इस नई पहल से प्रदेश की छवि उज्जवल हुई। अपनी संस्कृति, धरोहर और विभूतियों के सम्मान की परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए मेरी सरकार ने रायपुर में स्वामी विवेकानंद स्मारक, भगवान राम वनगमन परिपथ के विकास की दिशा में कार्य शुरू करके बहुत ही सकारात्मक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को आगामी 10 वर्षों के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव पारित करने में आप लोगों का योगदान दर्ज होना निश्चय ही सौभाग्य का विषय है। मेरी सरकार ने त्वरित निर्णयों तथा विभिन्न कार्यों से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग, पिछड़े तबकों सहित सभी वर्गों में नई उम्मीद जगाई है।
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने विश्वास, विकास और सुरक्षा की त्रिवेणी से कानून और व्यवस्था को संवारा है। राज्य की नक्सल पुनर्वास कार्य-योजना को और अधिक आकर्षक बनाया गया है। प्रदेश में चिट्फण्ड, सायबर अपराध, मानव तस्करी रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अंजोर रथ, जनमित्र, ग्राम रक्षा समितियाँ, सीनियर सिटिजन सेल, महिला हेल्प डेस्क आदि ने सामुदायिक पुलिसिंग के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। पुलिस बल का मनोबल बढ़ाने की दिशा में सप्ताहिक अवकाश से लेकर रिस्पांस भत्ता देने तक अनेक कदमों ने भूमिका निभाई है। सचेत पुलिस बल और न्याय दिलाने की स्वस्फूर्त पहल के कारण नक्सली हिंसा और अपराधों में कमी आई है। इस स्थिति को बनाए रखना और बेहतर बनाना अपने आप में एक चुनौती है। मेरी सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत् नशाबंदी के संबंध में अध्ययन हेतु राजनीतिक समिति, सामाजिक समिति, प्रशासनिक समिति गठित की है। वर्ष 2019-2020 में 50 मदिरा दुकानों को बंद किया गया है, वहीं 1 अप्रैल 2020 से 49 बीयर बार बंद करने का भी निर्णय लिया गया है। शराब व्यसन मुक्ति अभियान के तहत नशामुक्ति अभियान दल का गठन प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में किया जा रहा है। मेरी सरकार के कामकाज के कारण छत्तीसगढ़ को देश के नए विश्वास के रूप में देखा जा रहा है। अपने संसाधनों का सम्मान, राज्य में वैल्यू एडीशन, नई औद्योगिक नीति से लेकर सामाजिक सद्भाव तक की इसमें बड़ी भूमिका है।
निर्दोष आदिवासियों को प्रकरणों
से मुक्ति का मार्ग हुआ प्रशस्त
राज्यपाल ने कहा कि एक साल पहले बस्तर के बहुत से आदिवासी परिवारों की जिंदगी आपराधिक प्रकरणों के कारण बेहद कष्ट में थी। मेरी सरकार ने इसके लिए जस्टिस ए. के. पटनायक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जिसकी सिफारिश पर निर्दोष आदिवासियों को प्रकरण से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जो उनके लिए बहुत बड़ी आर्थिक और सामाजिक राहत भी है। बस्तर में लोहण्डीगुड़ा, आदिवासियों को न्याय दिलाने का प्रतीक बन गया है। इससे जल-जंगल-जमीन पर उनके अधिकार को रेखांकित करने में मेरी सरकार सफल हुई है। प्रसन्नता का विषय है कि सरकार गठन के मात्र एक माह की अल्प अवधि में ही जमीन वापसी की सारी प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई, और यह संदेश भी प्रखरता के साथ गया कि मेरी सरकार आदर्श पुनर्वास कानून का पालन कराने के प्रति गंभीर है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने अनुसूचित जनजाति की वनों पर निर्भरता, वनों पर निर्भर आजीविका के विषयों को काफी गंभीरता से लेते हुए ‘अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम-2006’ के विभिन्न प्रावधानों का उचित पालन करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ दिलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत जहां एक तरफ पूर्व में निरस्त दावों की पुनः समीक्षा की जा रही है। वहीं सामुदायिक वन अधिकारों के तहत बड़े पैमाने पर ग्रामीणों को जमीन के अधिकार पत्र देने के लिए भी बड़े कदम उठाये जा रहे हैं। मेरी सरकार ने दशकों से उपेक्षित रहे बस्तर के अबुझमाड़ क्षेत्र की विशेष चिन्ता की गई है और वहां के निवासियों को वन अधिकार पत्र देने की विशेष पहल की जा रही है।
समर्थन मूल्य पर लघु वनोपज खरीदने एक हजार से अधिक हाट बाजारों में संग्रहण केन्द्र स्थापित
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने राज्य के कुल वन क्षेत्र का लगभग 55 प्रतिशत हिस्सा संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के जिम्मे किया है। इससे 11 हजार 185 गांवों में 7 हजार 887 वन प्रबंधन समितियों के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के 15 लाख और अनुसूचित जाति के 5 लाख सदस्य वन संरक्षण के साथ ही अधोसंरचना और आजीविका के अवसरों में विस्तार के भागीदार बने हैं। समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण देकर उनकी क्षमता का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 2500 रू. प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4000 हजार रू. प्रति मानक बोरा की है, जिसके कारण विगत वर्ष 15 लाख से अधिक परिवारों को 602 करोड़ रूपए का भुगतान हुआ। इस दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए मेरी सरकार ने विगत एक वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या 8 से बढ़ाकर 22 कर दी है। एक हजार से अधिक हाट-बाजारों पर संग्रहण केंद्र तथा वन-धन-विकास केंद्र की स्थापना की गई है। 50 हजार आदिवासी महिलाओं को इन केन्द्रों से जोड़ा गया है। वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि होने पर क्षतिपूर्ति सहायता राशि 4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रू. की गई है, वहीं दूसरी ओर कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़, सरगुजा वन मंडलों के 1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रों में ‘लेमरू एलिफेंट रिजर्व’ बनाने की दिशा में कार्यवाही प्रगति पर है। इस प्रकार मेरी सरकार वन-जन, वन्य पारितंत्र जैसे सभी पहलुओं पर कार्यरत है।
लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को मजबूत करने
की दिशा में उठाए गए अनेक कदम
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के बच्चों को शिक्षा की बेहतर सुविधाएं देते हुए प्री-मेट्रिक छात्रावास एवं आवासीय विद्यालयों सहित आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति दर बढ़ाकर 1000 रू. प्रतिमाह कर दी है। मेट्रिकोत्तर छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए भोजन सहायता की राशि बढ़ाकर 700 रू. प्रतिमाह कर दी गई है। 17 नये एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शुरू किये गये हैं। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मेरी सरकार लगभग 15 हजार स्थाई शिक्षक-शिक्षिकाआंे की भर्ती कर रही है जिससे 7 हजार से अधिक शिक्षक-शिक्षिकायें आदिवासी अंचलों की शालाओं को मिलंेगे। मेरी सरकार ने बस्तर व सरगुजा संभाग के साथ कोरबा जिले में अनुसूचित जनजाति युवाओं की बहुलता को देखते हुए जिला संवर्ग के तहत तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों में भर्ती की अवधि 31 दिसम्बर 2021 तक बढ़ा दी है। बस्तर और सरगुजा संभाग में स्थानीय लोगों की भर्ती में तेजी लाने के लिए ‘‘विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड’’ का गठन, कौशल उन्नयन और रोजगारपरक प्रशिक्षण के अनेक उपाय किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने प्रदेश में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को मजबूत करने की दिशा में अनेक नये कदम उठाये हैं। बस्तर, सरगुजा तथा मध्य क्षेत्र के लिए पृथक-पृथक आदिवासी विकास प्राधिकरण गठित किये गये हैं और मुख्यमंत्री के स्थान पर स्थानीय विधायकों को ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर पदस्थ किया गया है।
प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण कर जनता के
नजदीक पहुंचने उठाए गए कारगर कदम
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने प्रशासनिक विकेन्द्रीयकरण के माध्यम से जनता के अधिक से अधिक निकट पहुंचने तथा उन्हें विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने के कारगर कदम उठाए हैं, जिसके तहत प्रदेश के 28 वें जिले के रूप में ‘‘गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही’’ 10 फरवरी 2020 से अस्तित्व में आ गया है। त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं का भी विस्तार किया गया है। दूर-दूर फैले गांवों का परिसीमन कर 704 नई ग्राम पंचायतें गठित की गई हैं, जिनमें से 496 नई पंचायतें अनुसूचित क्षेत्रों में हैं। पेसा क्षेत्रों के लिए नियम बनाने हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना’ के अंतर्गत अब तक सृजित 685 लाख मानव दिवसों में से 287 लाख मानव दिवस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं। मेरी सरकार ने सार्वभौम पीडीएस के माध्यम से लगभग 65 लाख परिवारों को खाद्यान्न और पोषण सुरक्षा दी है। 35 किलो चावल देने का वायदा निभाया है, जिसमें से अन्त्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा राशन कार्डों के माध्यम से लगभग 26 लाख परिवारों को 1 रूपये प्रतिकिलो की दर पर चावल देने का इंतजाम किया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी अंचलों में पोषण सुरक्षा के लिए मेरी सरकार ने विशेष इंतजाम किये हैं। अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारी परिवारों को निःशुल्क रिफाइन्ड आयोडाइज्ड नमक दिया जा रहा है। अनुसूचित विकासखण्डों एवं माडा क्षेत्र में लगभग 25 लाख परिवारों को प्र्रतिमाह 2 किलो चना 5 रूपये प्रति किलो की दर पर प्रदाय किया जा रहा है। बस्तर संभाग में महिलाओं एवं बच्चों में आयरन की कमी दूर करने के लिए जनवरी 2020 से अंत्योदय, प्राथमिकता एवं मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के राशन-कार्डधारी परिवारों को दो किलो गुड़ 17 रूपये प्रतिकिलो की दर पर प्रदाय किया जा रहा है।