छत्तीसगढ़ सरकार की बिहान योजना के तहत, रायपुर के सेरीखेड़ी में एक स्वयं सहायता समूह मंदिरों, बैंक्वेट हॉल, सरकार के कार्यक्रमों और मुख्यमंत्री के कार्यालय व आवास में इस्तेमाल वाले फूलों से हर्बल गुलाल बना रहा है। गांव में उजाला महिला स्वयं सहायता ग्रुप से जुड़ी 10 से ज्यादा महिलाएं रोजाना तीस किलो खुशबूदार हर्बल गुलाल का उत्पादन कर रही हैं। इसके लिए फूलों की पत्तियों को सुखाकर प्रोसेसिंग यूनिट में पीसकर गुलाल तैयार किया जाता है। गुलाब, गेंदे, स्याही फूल के साथ चुकंदर, हल्दी, आम और अमरूद की हरी पत्तियां को भी प्रोसेस किया जाता है।
सीएम हाउस से भी होता है फूलों का कलेक्शन
सेरीखेड़ी में मुख्यमंत्री आवास से भी फूल इकट्ठे किए जाते हैं। यहां आने वाले आगंतुकों के भेंट किए हुए फूल गुलदस्ते रोजाना कलेक्ट किए जाते हैं। नगर निगम रायपुर की ओर से संस्था को शहर के बागीचों और बडेÞ मंदिरों की सूची दी गई है, सुबह शाम यहां से फूल उठाए जाते हैं।
जैविक खाद फूलों के बचे हिस्से की बनाई जाती है
जहां फूलों का उपयोग हर्बल गुलाल के लिए होता है, वहीं बचे हुए हिस्से का उपयोग जैविक खाद बनाने में होता है। गुलदस्ते में कपड़े और प्लास्टिक का उपयोग वहां की साबुन इकाई में पैकिंग सामग्री के रूप में किया जाता है।
गुलाल बनाते हैं और 4 क्विंटल की आपूर्ति करते हैं।