मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग में 'जान भी, जहान भी' के नए मंत्र के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जो संकेत दिया था, सरकार ने उस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। 14 अप्रैल तक के लिए घोषित देशव्यापी लॉकडॉउन के खत्म होने से पहले ही सरकार ने उद्योगों के पहिए चलाने के जरूरी सहमति देना शुरू कर दिया है। कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच जहां पूरे देश में आम राय है कि लॉकडाउन बढ़ना चाहिए, वहीं अर्थव्यवस्था पर इसके असर को देखते हुए जाम पड़े औद्योगिक पहिए को धीरे-धीरे चलाने का मत भी बन रहा है।
15 प्रकार के काम शुरू करने की सहमति।
-कोरोना पर लगाम के लिए लॉकडाउन जरूरी, पर अर्थव्यवस्था को संभालना भी महत्वपूर्ण
-संक्रमण से सुरक्षित क्षेत्रों की पहचान कर वहां कुछ कारोबारी गतिविधियों को मिले मंजूरी
-सड़क निर्माण और आवश्यक वस्तुओं से जुड़े उद्योगों को पहले चरण में इजाजत मिले
-संक्रमण से बचाव का ब्लू प्रिंट देने वाले उद्योगों को भी शर्तो के साथ अनुमति दी जाए
-फिजिकल डिस्टेंसिंग से समझौता किए बिना न्यूनतम कर्मचारियों के साथ ही हो काम
- न्यूनतम कर्मचारियों के साथ एक शिफ्ट में काम कर सकेंगे कई अहम उद्योग
- सीमेंट उद्योग में सुरक्षा के मानकों के साथ तीनों शिफ्ट में काम की अनुमति
- निर्माण स्थल पर ही मजदूरों के रहने की व्यवस्था के साथ कंस्ट्रक्शन को मंजूरी
- गलियों में ठेले लगाने वालों को अनुमति ताकि घर-घर फल-सब्जी की आपूर्ति हो
- फ्रिज, टीवी, एसी रिपेयर करने वाले भी सुरक्षा के प्रबंध करते हुए कर सकेंगे काम
- जरूरत को देखते हुए धोबी, बढ़ई और इलेक्ट्रीशियन के काम पर नहीं रहेगी रोक