शिक्षकों को देशभर में कोरोना युद्ध में लगाने की तैयारी, सरकार ने बना ली पूरी योजना, जाने पूरी प्रक्रिया

चीन के वूहान शहर से उत्पन्न होने वाला 2019 नोवेल कोरोनावायरस इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है, जिसका संक्रमण सन् 2019-20 काल में तेज़ी से उभरकर 2019-20 वुहान कोरोना वायरस प्रकोप के रूप में फैलता जा रहा है। हाल ही में WHO ने इसका नाम COVID-19 रखा।
देशभर में स्कूल, कॉलेजों को मंत्री समूह ने 15 मई तक बंद रखने की अनुशंसा की है. सरकार की ओर से हालांकि अधिकारिक रूप से इस पर मुहर लगनी बाकी है लेकिन अगर यह छुट्टी दी जाती है तो स्कूल और कॉलेज के अध्यापकोंं को सरकार कोरोना युद्ध में तैनात करने पर विचार कर रही है. दिल्ली सरकार ने इसकी पहल भी कर दी है. उसने सभी जिला अधिकारियों को कहा है कि वे विभिन्न कार्य में कम हो रहे कर्मियों की सूची बनाएं और शिक्षा विभाग से उसके अनुरूप अध्यापकों को तैनाती के लिए आदेश जारी करने की सलाह दें.इन कामों में लगाया जा सकता है शिक्षा अधिकारियों को
एक अधिकारी ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी शिक्षा अधिकारियों को कहा है कि वे अध्यापकों को यह संदेश दे दें कि उन्हें आपात सेवा के लिए बुलाया जा सकता है. अध्यापकोंं को देशभर के क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्था निगरानी, अलग इलाकों में सरकारी कार्य को सुचारू बनाने के काम के साथ ही सरकारी मदद आवंटन के कार्य में लगाया जा सकता है.
प्रशिक्षित और शिक्षित लोगों की जरूरत देशभर में अलग राज्य सरकारों की ओर से बिना राशन कार्ड के भी लोगो को राशन देने, कई स्थानों पर भोजन की सुविधा देने के साथ ही अलग जगहों पर रास्तों में फंसे प्रवासी मजदूरों की सूची बनाने का कार्य किया जा रहा है.
इन कार्यों को सही तरीके से अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित और शिक्षित व्यक्तियों की कमी हो रही है. ऐसे में सरकार अध्यापकों को इस कार्य में लगाने की तैयारी कर रही है. दिल्ली सरकार ने अलग इलाकों में राशन वितरण जैसे कार्य में अध्यापको को पर्यवेक्षक के रूप में लगाने को लेकर कार्यवाही शुरू कर दी है.