राममंदिर से पहले माता कौशल्या का मंदिर बनेगा:

पूरे देश में राम मंदिर निर्माण के लिए जबर्दस्त उत्साह है। इधर, सीएम भूपेश बघेल ने बुधवार को पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के साथ भगवान राम के ननिहाल में माता कौशल्या की पूजा कर प्रदेश की समृद्धि की कामना की। साथ ही, सीएम ने अगस्त के तीसरे हफ्ते से माता कैशल्या का मंदिर बनाने को कहा है। भूपेश सरकार ने राम वन गमन पथ को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए 9 स्थलों का चयन किया है। सबसे पहले 22 दिसंबर को माता कौशल्या मंदिर में भूमिपूजन के साथ सौंदर्यीकरण की शुरुआत की जा चुकी है। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के साथ-साथ ही छत्तीसगढ़ में माता कौशल्या का भी भव्य मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा। राजधानी से लगे चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर के निर्माण के लिए 22 दिसंबर को भूमि पूजन कर लिया गया है। अब अगस्त के तीसरे सप्ताह से मंदिर निर्माण शुरू किया जाएगा। 15 करोड़ रुपए खर्च कर सौंदर्यीकरण के साथ पर्यटकों की सुविधा के लिए पेयजल, विद्युतीकरण, रेस्टोरेंट आदि बनाए जाएंगे। सीएम भूपेश बघेल ने बुधवार को पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल व परिजनों के साथ मंदिर में माता कौशल्या की पूजा की और मंदिर निर्माण के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।भूपेश सरकार ने राम वनगमन पथ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत 22 दिसंबर को माता कौशल्या मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए भूमिपूजन के साथ शुरू की जा चुकी है। पहले चरण में चंदखुरी के साथ 9 स्थानों को विकसित किया जाएगा। इसके लिए 137 करोड़ का कांसेप्ट प्लान तैयार किया गया है। मंदिर परिसर में लगाए बेल के पौधे सीएम ने मंदिर परिसर में बेल और उनकी पत्नी ने महुआ का पौधा लगाया। इसके साथ ही परिसर में आंवला, पीपल, अमरूद और करंज आदि के पौधे भी लगाए गए। सीएम ने इन रौपे गए पौधों पर सेरीखेड़ी महिला समूह द्वारा बांस से बनाए जा रहे ट्री-गार्ड लगवाए। उन्होंने ग्रामीणों से गौठान और गोधन न्याय योजना सहित गांव में उपलब्ध अन्य सुविधाओं की चर्चा की। उनके साथ नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया आदि मौजूद थे। 15 करोड़ की दी गई है स्वीकृति पहले चरण में सीतामढ़ी-हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सप्तऋषि आश्रम सिहावा, जगदलपुर व सुकमा के रामाराम का चयन किया गया है। इन स्थानों के लिए 15 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम दक्षिण कोसल व दंडकारण्य था। श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में प्रवेश के बाद 75 स्थलों का भ्रमण करते हुए सुकमा के रामाराम से दक्षिण भारत में प्रवेश किया था। छत्तीसगढ़ राम का ननिहाल, यहां के कण-कण में बसे हैं राम सीएम बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है। यहां कण-कण में भगवान राम बसे हैं। भगवान राम ने वनवास का बहुत सा समय यहां व्यतीत किया है। सरकार भगवान राम के वन गमन मार्ग को पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित कर रही है ताकि इन स्थलों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिल सके। सीएम ने कहा कि सौंदर्यीकरण कार्य का भूमिपूजन हो गया है। यहां अगस्त के तीसरे सप्ताह से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।